Tag Archives: Hindi poem

धीरे-धीरे जब आँगन में

धीरे-धीरे जब आँगन मेंयहाँ फैलता सूनापन।गीले-गीले नयनों सेहृदय नापता अपनापन।। अपनापन रातों का सच्चादिन का है दर्पण कच्चासच में दंभ यथा भरने सेमेरा खाली बर्तन अच्छाअच्छाई की बनी चाशनीमें पिघलाता मैलापन।गीले-गीले नयनों सेहृदय नापता अपनापन।। सागर की लहरों में भीगिरती … Continue reading

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धूप

धूप में खड़ा-खड़ानाप रहा हूँ अपनी ही लम्बी होती परछाई को,कभी छोटी तो कभी बड़ी होती हैकभी यहीं तो कभी दूर खड़ी होती है।मैं बोलता हूँ वो बोलती नहींलेकिन वो सजीव हैमैं हिलाता हूँ तो हिलती हैमैं चुप तो वो … Continue reading

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रावण दहन

आज फिर से रावण जला दिया स्वयं को दोबारा नया बना लिया। अगले बरस तक कुछ और जोड़ लेंगे पुराने बगीचे से कुछ नवीन तोड़ लेंगे स्वयं को तराशना कठिन ही होगा आसान बनाने को दशानन बटोर लेंगे। कम से … Continue reading

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हिंदी दिवस

हिंदी को अपनाइए, ना समझें इसको बोझऐसा एक निवेदन है, आग्रह और अनुरोध

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पितृदेव, श्राद्ध

बारह मास में एक पक्ष अब ऐसा आया है पितृदेव को तर्पण का फ़िर अवसर आया है जिनका हमें आशीष मिला बीते पूरे साल वे स्वयं यहाँ पधारे हैं करने को ख़ुशहाल हे अम्मा-बाबा नानी-नाना पुनः तुम्हें सादर नमन जो … Continue reading

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हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ

हिंदी मेरी भाषा और हिंदी मेरी हर बात में जैसे चंदा एक अकेला तारों की बारात में हिंदी में मैं स्वप्न देखता, हिंदी में करता विचार हिंदी मेरे मन का दर्पण, हिंदी ही इसका आधार भारत की सारी भाषाएँ, हैं … Continue reading

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🙏🌺🌸🙏 #शिक्षकदिवस की शुभकामनाएँ, सभी शिक्षकों को प्रणाम 🙏

शिक्षक कई रूप में मिलते हैं, शिक्षक कई प्रारूप में मिलते हैं। उनके पढ़ाने से हम शून्य से मूल्य में परिवर्तित होते हैं। वे अपनी अमुल्य शिक्षा हममें गढ़ते हैं…यूँ ही नहीं हम उन्हें पूज्य कहते हैं। मात-पिता प्रारम्भिक शिक्षक … Continue reading

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मेरा भारत मेरा कश्मीर

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पुस्तक प्रकाशित – मेरी कविता मेरे भाव

https://www.amazon.in/dp/B07V7BSHL9?ref=myi_title_dp Hardcover– https://www.amazon.in/dp/B07V8G7PT9?ref=myi_title_dp पहली इक्यावन प्रतीयों के पैसे एक NGO ‘उत्साह’ को समर्पित है। कृपया इस लिंक से पढ़ें, पढ़ाएँ और बताएँ अपने अन्य मित्रों को।

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