Monthly Archives: May 2014

आया जीवन फिर से घर में जीने को संसार

आया जीवन फिर से घर में जीने को संसार, माँ की ममता को पाने और पाने आकार नन्हा मोती पाया जिसने ‘मोनी’ उसकी मैया और ‘नव्या’ भी खेल रही, प्यारा उसका भैया जीवन का है रंग यही, सुख-दुःख दोनों तीर … Continue reading

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प्रजातंत्र का पर्व

प्रजातंत्र का दौर है, प्रजातंत्र का पर्व नेता आगे चल रहे, पीछे देश का गर्व नोट-वोट का खेल कर, खेलें टेडी चाल डाकू नेता बन गए, जनता भई कंगाल अडवाणी-रथ रूठ गौ, ‘मुरली’ अपनी तान लहर बनावे आपनी, मोदी मारे … Continue reading

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