Monthly Archives: November 2017

सुन ले हवा एक छोटा सा काम

सुन ले हवा एक छोटा सा काम लूँगी बड़े दिन तक तेरा ही नाम गुज़रा ज़माना मुझे देश जाए बड़ी याद आती है मुझको सताए पता तो लगा दे कैसे हैं पापा कैसी हैं अम्मी कैसी हैं आपा महीने हैं … Continue reading

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जब से पी नज़र क़ातिल, हर ज़हर फीका लगता है

जब से पी नज़र क़ातिल, हर ज़हर फीका लगता है और जो निकला तेरी गली से, शहर नीचा लगता है उगते रहें रोज़ काँटे नए राहे इश्क़ में गर साथ हो तेरा, हर डगर ग़लीचा लगता है जो फजीहत करे … Continue reading

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तुम मेरे सपनों में बसी, तुममें सोया-सा मैं सनम

तुम मेरे सपनों में बसी, तुममें सोया-सा मैं सनम प्यार की करवट ले बैठा, अब तुममें खोया-सा मैं सनम तेरी यादों के बादल से,कोई गिरती एक बूँद हूँ मैं पलकों में बंद तेरा चेहरा, तेरी धड़कन को चूम लूँ मैं … Continue reading

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हवाओं में ख़ुशबू कुछ आ रही है

हवाओं में ख़ुशबू कुछ आ रही है की सनम मेरा साँसें कहीं ले रहा है उन केशों में गज़रे उस दिन लगाए ये दिल उनकी अबतक महक ले रहा है की उन पलकों को झुकते जबसे है देखा हाथों में … Continue reading

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