Monthly Archives: August 2018

देख सुबह से शाम हो गई

देख सुबह से शाम हो गई भागती ज़िंदगी आम हो गई कुछ दूर चला फ़िर रुक गया आराम कर लूँ थोड़ा थक गया सुस्त क़दम और चलने से क्या सूने आसमान में उड़ने से क्या दो पल ही सही बात … Continue reading

Posted in जीवन | Tagged , , , , , , | 15 Comments

दोस्त को सलाम दोस्ती को सलाम

दोस्त को सलाम दोस्ती को सलाम मस्त लम्हों की मस्ती को सलाम उछलते कूदते रास्तों को सलाम साथ किए चाय नाश्तों को सलाम कभी हँसी, कभी हठी में करी शरारत को सलाम बेवजह दोस्तों से करी बग़ावत को सलाम अल्लढ, … Continue reading

Posted in जीवन | Tagged , , , , , , , | 2 Comments