Monthly Archives: September 2016

आँखें

आँखों की क्या बात करूँ, आँखें कितनी सुंदर हैं इतनी सारी आँखें फिर भी एक दूजे से अंतर हैं आँखों में अपने बसते हैं, आँखों बसता उसका डर आँखें देती रूप अनेक, आँखें हैं सपनों का घर आँखों से साजन … Continue reading

Posted in जीवन | Leave a comment

🇮🇳🇮🇳🇮🇳 वतन लहू पसीना जन्नत कश्मीर पश्मीना झील नदियाँ वादियाँ बदला नफ़रत गालीयाँ नौजवान बेरोज़गार पत्थर दंगा कर्फ़्यू तीन सौ सत्तर टैंक mig तोपें ताशकंड शिमला समझौते कश्मीरीयत इंसानियत जम्हूरियत अलगाव हरामियत हुर्रियत मुंबई पठानकोट ऊरी शरीफ़ मोदी मुफ़्ती शांति … Continue reading

Posted in जीवन | Leave a comment

तुम्हें जीतने को मैं हारता रहा लब्ज़ों की लड़ाई बस टालता रहा अहसास की ख़ुशबू काफ़ी थी ताज़गी को तुम सोते रहे मैं जागता रहा मैं भी माहिर हूँ बदला लेने में, कल ही लिया है एक बार तो काग़ज़ … Continue reading

Posted in जीवन | Leave a comment

ज़िद में क्या रखा है हमने झुकना सीख लिया बढ़ने की बात थी लो रुकना सीख लिया मैं चुप रहता हूँ अब लोग बोलते हैं फिर एक दीवाने ने पीना सीख लिया

Posted in जीवन | Leave a comment

हिंदी दिवस २०१६

निज भाषा सारा जग बोले, पर जिसने भूली निज भाषा है कैसे वो इतराएगा फिर क्या उन्नति की आशा है अपनी भाषा भूलना यारों बड़ा है दोष जानो बहु-भाषा तुम पर हिंदी पत्ते की ओश बचपन की बोली मेरी जाने … Continue reading

Posted in जीवन | Leave a comment

तुम फिर रूठ जाना चाहे, हमें जीना आता है पैमाने में तेरी याद काफ़ी है, हमें पीना आता है कभी रिमझिम-सी बारिश या कड़ी धूप हो मोहब्बत का सिपाही हूँ, हमें दर्द सीना आता है वफ़ाई जिगर में अपने, बेवफ़ाई … Continue reading

Posted in जीवन | Leave a comment