Monthly Archives: December 2016

आज मैं फिर हूँ पुराना, नया आने को खड़ा है

आज मैं फिर हूँ पुराना, नया आने को खड़ा है पल जो बीते अब पुराने हो गए हैं संग तेरा था यहाँ तक अब भुलाने पड़ रहे हैं वो आस की नन्ही किरण-सी साल मेरे साथ थी और चमकती चाँदनी … Continue reading

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पाई-पाई जनता तरसे जीत हुई या हार

पाई-पाई जनता तरसे जीत हुई या हार गए पाँच सौ पानी में हज़ार हुआ बेकार लाभ किसे होता ना पूछो, किसको होता घाटा असली बात पता चल जाती जब पड़ता है छापा छपते ही नक़दी पूछो होती कैसे पार पाई-पाई … Continue reading

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क्या होती है मित्रता ना जानू मैं यार

क्या होती है मित्रता ना जानू मैं यार पर मित्र कहे तो ख़ुद से भी लड़ने को तैयार कहते हैं कि दोस्ती है फूलों की डाल-सी जिसको ना जी तोड़ना, बनो बड़े तुम आलसी दिल से समझोगे पाओगे नज़दीक तुम … Continue reading

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लम्हे बैठें दिल में, दिल को हैं सजाए

लम्हे बैठें दिल में, दिल को हैं सजाए जब पहली बार मिले थे हम सूखे थे या गीले हम तब रुक-रुक कर जो मिले नयन और मन ही मन में हुआ चयन चंचल चेहरे पर लट झूले तुममें हम ख़ुद … Continue reading

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कुछ और देर बैठो सजनी अभी-अभी तुम आ

कुछ और देर बैठो सजनी अभी-अभी तुम आए अभी हुआ मौसम रंगीन अभी घटा-सी छाई अभी फूलों में गंध भरी है बजी कहीं शहनाई और सूरज़ भी मध्यम होकर शीतलता पहुँचाए कुछ और देर बैठो सजनी अभी-अभी तुम आए स्तब्ध … Continue reading

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