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प्रकृति मानव से (केदारनाथ त्रासदी के सन्दर्भ में)

प्रकृति मानव से – मैं हूँ शिव, मैं हूँ केदार है देवभूमि, मत कर प्रतीकार यह मानसरोवर ज्योति-पुंज दिनकर भी करते इनका बखान है दिव्यलोक, आलोक यहाँ उज्जवल शिखर परलोक यहाँ स्वरुप है मेरा श्वेताम्बर कहीं हरियाली में नीला अम्बर  … Continue reading

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