Tag Archives: Hindi kavita

धीरे-धीरे जब आँगन में

धीरे-धीरे जब आँगन मेंयहाँ फैलता सूनापन।गीले-गीले नयनों सेहृदय नापता अपनापन।। अपनापन रातों का सच्चादिन का है दर्पण कच्चासच में दंभ यथा भरने सेमेरा खाली बर्तन अच्छाअच्छाई की बनी चाशनीमें पिघलाता मैलापन।गीले-गीले नयनों सेहृदय नापता अपनापन।। सागर की लहरों में भीगिरती … Continue reading

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धूप

धूप में खड़ा-खड़ानाप रहा हूँ अपनी ही लम्बी होती परछाई को,कभी छोटी तो कभी बड़ी होती हैकभी यहीं तो कभी दूर खड़ी होती है।मैं बोलता हूँ वो बोलती नहींलेकिन वो सजीव हैमैं हिलाता हूँ तो हिलती हैमैं चुप तो वो … Continue reading

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आने को तैयार जनवरी

देख दिसम्बर बूढ़ा होकर गिनता अपनी रातें हैआने को तैयार जनवरी चार दिनों की बातें हैकैलेंडर ने चुप्पी साधी अंतिम साल महीने मेंनयी रोशिनी लेकर बैठी जनवरी अपने सीने में उस कोने में साल है बैठा ताके अपनी राहें हैदेख … Continue reading

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रावण दहन

आज फिर से रावण जला दिया स्वयं को दोबारा नया बना लिया। अगले बरस तक कुछ और जोड़ लेंगे पुराने बगीचे से कुछ नवीन तोड़ लेंगे स्वयं को तराशना कठिन ही होगा आसान बनाने को दशानन बटोर लेंगे। कम से … Continue reading

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हिंदी दिवस

हिंदी को अपनाइए, ना समझें इसको बोझऐसा एक निवेदन है, आग्रह और अनुरोध

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दिल्ली दंगे – देखो कैसे आँखों का पानी

देखो कैसे आँखों का पानी चौराहे पर सूख गया कुछ पत्थर बनकर निकला कुछ ख़ुद में बंदूक़ हुआ घर का दीपक कहीं बुझा, माँ बिलखती आँगन में सिसकी रोते-रोते चुप है, सहमी विधवा दामन में तू कैसे कलमा आज पढ़ेगा, … Continue reading

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विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ

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मेरी पुस्तक का विमोचन

🌸🌺मेरी पुस्तक #मेरी_कविता_मेरे_भाव का #विमोचन Indian High Commission, London द्वारा भारत से बुलाए गए उच्च कोटि के कवि Rajesh Reddy, Sudeep Bhola, Arjun Sisodiya जी, Ashok Charan जी, keerti Mathur जी, Shabnam Ali, Sonroopa Vishal जी के कर कमलों से … Continue reading

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पितृदेव, श्राद्ध

बारह मास में एक पक्ष अब ऐसा आया है पितृदेव को तर्पण का फ़िर अवसर आया है जिनका हमें आशीष मिला बीते पूरे साल वे स्वयं यहाँ पधारे हैं करने को ख़ुशहाल हे अम्मा-बाबा नानी-नाना पुनः तुम्हें सादर नमन जो … Continue reading

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