Monthly Archives: December 2013

सखी तेरे लिए

खुशियों के गीत सपनें और संगीत मीत, प्रीत और प्रिया दीप, जोत और दिया सखी तेरे लिए  खनखन को बेताब कंगन बनने को महताब कंगन आलंगन को राह और मिलन को बाँह सखी तेरे लिए ये मौसम और बयार बारिश … Continue reading

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बेटी प्यारी पाँच साल की देख के मन मुस्काए

बेटी प्यारी पाँच साल की देख के मन मुस्काए उसकी रोचक बातें सुनकर, दिल बच्चा बन जाए ठुमक-ठुमक जैसे वो मटके और चिड़िया-सी चर्फर चहके मुझको याद दिलाता है, मेरा बचपन पाने को मचल उठती हूँ, जीवन जंजाल हटाने को … Continue reading

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माँ (दोहे)….

माँ बसती रग-रग में, माँ ममता का सागर|ले आ चाहे जितनी भर ले, अपने मन की गागर||स्नेह भरी वो गंगा है, बिन उसके जीवन बेकार|माँ ममता की सरिता है, निर्मल एक बयार|| चाहे मिलें हज़ार से, मिला ना माँ-सा अपनापन|माँ … Continue reading

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लड़खड़ाए जब भी, खुद ही संभल गए

लड़खड़ाए जब भी, खुद ही संभल गए कर याद रोए जब भी, खुद ही बहल गए यूँ इंतज़ार में बरसों निकल रहे मौसम बदल रहा, क्यूँ न तुम बदल गए  है तस्वीर आपकी जो सामने यहाँ ना दूर जाईये, दिल … Continue reading

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सुनो जरा कुछ कहता है घर, गुमसुम है पर कहता है घर

सुनो जरा कुछ कहता है घर, गुमसुम है पर कहता है घर बंद पड़े इस खाली मकान में, बोलो कोई रहता है घर ? सुबह हुई सूरज है आया और शाम हुई सूरज था आया दिन-भर खामोश रहा हूँ मैं … Continue reading

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