Monthly Archives: May 2018

माँ तुम

माँ तुम अलबेली, गंगा-सी पवित्र हो मन की जगमग ज्योति तुम हो, इत्र हो माँ तुम प्यारी, वो लोरी की थाप हो वेदों के मंत्रों की जैसे कोई जाप हो माँ तुम पहेली, सीपों के अंदर मोती हो मैं रोता … Continue reading

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आँसू

जो बात कहनी थी वो शायद हो गई। जब आँख से आँसू रुका ही नहीं।। आँसू निकल सारी क़वायद कर गए । मन के फफोले आँसुओं में सन गए ।। जब आँख का आँसू ढ़लकता गाल पर। दीखता है प्रेम … Continue reading

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