Tag Archives: भजन

बाल कृष्ण स्वामी – वे ब्रिटेन में 1967 से रहते हैं। हमेशा भक्ति में लीन रहना, सात्विक विचारों से भरे रहना उनका सहज व्यवहार है। वे ना केवल भजन लिखते हैं बल्कि उन्हें संगीतमय धुनों पर मीठे स्वर में गाते भी हैं।

माता का भजन – भुल गए क्यों याद दिलाने आया हूं 2 हे वैष्णो माता आज बताने आया हूं।  1. लो फेलआ दी मेंने झोली देना हे जो दे डालो में  जाचक हु तुम हो दाता, अपना फर्ज निभा डालो … Continue reading

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राम नवमी

दशरथ के घर जन्में, नवमी के दिन राजा राम आओ ख़ुशियाँ ख़ूब मनाएँ, मन में मेरे आजा राम तुलसी कहते बात ये की राम सत्य संसारा राम नाम के दीप से अंतः बाहर उजियारा राम नाम की लूट है, लूट … Continue reading

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ज़िंदगी से बात कर ले

बैठ जा कुछ ज़िंदगी से बात कर ले बात कर के ज़िंदगी को साथ कर ले रात भर लेटा तो था पर सोया नहीं है कल की भागमभाग में खोया कहीं है अपने जो थे वे आज़ नपने लग रहे … Continue reading

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माँ तुम

माँ तुम अलबेली, गंगा-सी पवित्र हो मन की जगमग ज्योति तुम हो, इत्र हो माँ तुम प्यारी, वो लोरी की थाप हो वेदों के मंत्रों की जैसे कोई जाप हो माँ तुम पहेली, सीपों के अंदर मोती हो मैं रोता … Continue reading

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आँसू

जो बात कहनी थी वो शायद हो गई। जब आँख से आँसू रुका ही नहीं।। आँसू निकल सारी क़वायद कर गए । मन के फफोले आँसुओं में सन गए ।। जब आँख का आँसू ढ़लकता गाल पर। दीखता है प्रेम … Continue reading

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जीवन चलता है

कुछ सपने बिकते मोती भाव, कुछ मोती सीप में रोते है । पतवार आप ही खेती नाव, अपने समीप जब होते है ।। यूँ तो कुछ हँसते भी होंगे, जब डगमग हो गिर जाते हो । कुछ चाल तेज़ हो … Continue reading

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माँ – मिला जो फ़िर उनसे आँखें भरी

मिला जो फ़िर उनसे आँखें भरी बिछुड़ा फ़िर उनसे नदी-सी बही कुछ दिन बिताए साए में उनके अब कैसे बिताऊँगा पता ही नहीं लड़खड़ाती चले वो लिए झुर्री नई अब भूलने लगी है किसी की कही जब चलने लगा पूछा … Continue reading

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कभी वो मुसाफ़िर

एक राह मुड़कर, वहीं आई है आख़िर जहाँ से चला था, कभी वो मुसाफ़िर कुछ था बदला, कुछ बदला नहीं जी कुछ तो खुला था, कुछ परदा वही जी देखा एक गाँव कुछ बचपन के पाँव मटकती-सी यादें बिछड़ों से … Continue reading

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याद है ये सफ़र कब शुरू हुआ था

याद है ये सफ़र कब शुरू हुआ था कब से वो हमसफ़र से बीत रहे हैं कौन-कौन दबे पाँव हमारे साथ चला था भला कितने क़दम साथ रहे हैं यूँ तो साथ अब भी चलती हैं टोलियाँ कुछ बदली-सी बोलियाँ … Continue reading

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