दीवारें सब कुछ सुनती हैं कान बहुत नीचा रखती हैं फिर जैसा तुमको सुनना है निश्चित वैसा कह देती हैं
दीवारों के कान से सटकर उनका कान लगा होता है सुनने वाला वह सुनता है जैसा चित्र बना होता है
@ashishpoem Ashish Mishra

दीवारें सब कुछ सुनती हैं कान बहुत नीचा रखती हैं फिर जैसा तुमको सुनना है निश्चित वैसा कह देती हैं
दीवारों के कान से सटकर उनका कान लगा होता है सुनने वाला वह सुनता है जैसा चित्र बना होता है
@ashishpoem Ashish Mishra