आज फिर से रावण जला दिया
स्वयं को दोबारा नया बना लिया।
अगले बरस तक कुछ और जोड़ लेंगे
पुराने बगीचे से कुछ नवीन तोड़ लेंगे
स्वयं को तराशना कठिन ही होगा
आसान बनाने को दशानन बटोर लेंगे।
कम से कम आज तो पावन बना लिया
मैंने आज फिर से रावण जला दिया।
मुझे राम चाहिए वनवास नहीं
मुझे तारे चाहिए आकाश नहीं
मुझे संयम चाहिए सन्यास नहीं
मुझे जीत चाहिए अभ्यास नहीं।
स्वयं को छुपाने का आचरण बना लिया
अरे मैंने आज फिर से रावण जला दिया।