बारह मास में एक पक्ष अब ऐसा आया है
पितृदेव को तर्पण का फ़िर अवसर आया है
जिनका हमें आशीष मिला बीते पूरे साल
वे स्वयं यहाँ पधारे हैं करने को ख़ुशहाल
हे अम्मा-बाबा नानी-नाना पुनः तुम्हें सादर नमन
जो भी जल-फ़ूल किया अर्पण, प्रभु करो ग्रहण
श्रद्धा से श्राद्ध करें उनका वही हममें समाया है
पितृदेव को तर्पण का फ़िर अवसर आया है
वे आए हैं मिलने हमसे की कैसा है मेरा परिवार
कैसे बच्चे निभा रहें हैं मिला मुझसे जो संस्कार
और दिखाने सही रूप जीवन का सुमति का
और मिटाने पितृ दोष तथा तथ्य कुमति का
हे पूर्वज है तुम्हें समर्पित जो भी आज बनाया है
पितृदेव को तर्पण का फ़िर अवसर आया है
Nice 👍
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Thanks Garima ji
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Wlcm sir
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Very nice poyetri
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