दशरथ के घर जन्में, नवमी के दिन राजा राम
आओ ख़ुशियाँ ख़ूब मनाएँ, मन में मेरे आजा राम
तुलसी कहते बात ये की राम सत्य संसारा
राम नाम के दीप से अंतः बाहर उजियारा
राम नाम की लूट है, लूट सको तो लूट
श्री राम प्रभु ऐसा कर दो, मिटे गरीबी, भूख
वानर राज सुग्रीव संग, सेतु बाँध बजाया डंका
ध्वजा सत्य की फहराये, दुष्टों की जल जाए लंका
मन की शक्ति,ज्ञान मिले और सत्संगी मार्ग दिखा दो
मुझमें थोड़ा दीप जला दो,मुझको थोड़ा राम बना दो
दशरथ के घर जन्में, नवमी के दिन राजा राम
आओ ख़ुशियाँ ख़ूब मनाएँ, मन में मेरे आजा राम